हरक की बेबाकी पर बेचारी बनी भाजपा

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देहरादून: अकसर चर्चाओं में रहने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भले ही भाजपाई बन गए हों, लेकिन उनका पूरा नेटवर्क आज भी कांग्रेस में है। रावत का कांग्रेसी मोह आज भी नही छूट पा रहा है। शायद ये भी एक कारण है कि हरक आज भी भाजपा में न एडजेस्ट हो पा रहे हैं, न भाजपा की रीति नीति के अनुरूप वो कभी नजर आते हैं।

अब वायरल हो रही इन तस्वीरों में देखिए । ये तस्वीर है हरक सिंह रावत की पूर्व विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग की जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा और रुद्रप्रयाग की नव निर्वाचित कांग्रेसी पालिकाध्यक्ष गीता झींकवान की। इस तस्वीर में हरक सिंह रावत जिनसे बात कर रहे हैं वो हैं नव निर्वाचित पालिकाध्यक्ष के पति और कांग्रेस नेता देवेंद्र झींकवान।

ये ताजा फ़ोटो बताता है कि देवेंद्र झींकवाण विजय श्री के लिए डॉ हरक का धन्यवाद प्रकट करने आए हैं। डॉ रावत के करीबी बताते हैं कि आज भी हरक को मिलने आने वाले 10 में से 08 कांग्रेसी होते हैं। इससे गाहे बगाहे सियासी गलियारों में तैरने वाली उन चर्चाओं को बल मिलता है कि न हरक भाजपा में एडजस्ट कर पा रहे हैं और न भाजपा उनको एडजेस्ट कर पा रही है। सरकार बनने के बाद हरक की नाराजगी गाहे बगाहे सामने आती रही है। चर्चा तो ये भी है कि सीएम रावत और हरक का 36 का आंकड़ा है। इससे अफसर भी भली भांति परिचित हैं। यही कारण है कि हरक के पास स्थित महत्वपूर्ण विभाग वन विभाग के अफसर हरक से पहले सीएम के यहां हाजरी लगाते हैं। बताते हैं कि इन अफसरों को सीएम दरबार में भी सीधे एंट्री है। इसी शह पर फारेस्ट अफसर अधिकांश निर्णयों में मंत्री को ओवरलेफ कर जाते हैं ।

बहरहाल, ताजातरीन मामले में भले ही कोटद्वार में भाजपा हार गई हो, लेकिन भाजपा में ऐसा कोई नहीं जो हरक से इस हार का कारण पूछ ले। उल्टे हरक बडी साफगोई से खुद ही कह रहे हैं कि कोटदार की हार के वे किसी भी रुप में जिम्मेदार नहीं हैं। इसका मतलब ये हुआ कि जिम्मेदार सीधे तौर पर वे लोग हैं, जिन्होंने प्रत्याशी को टिकट दिया। हार के कारण भले ही मदन कौशिक जैसे कद्दावर नेता मीडिया का सामना न कर पा रहे हों, लेकिन हरक आज भी शान से मीडिया का न सिर्फ सामना कर रहे हैं, बल्कि खुलेआम बोल भी रहे हैं। बात सौ आना सच भी है, हरक की इस साफगोई का भाजपाइयों को जवाब ढूंढे नहीं मिल रहा है। इसलिए हरक वो कर रहे हैं, जो उनका मन करता है और बेचारी बनी भाजपा सिर्फ और सिर्फ मन मसोसकर रह जाती है।

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