गंगा की परिकल्पना बिना हिमालय के नहीं हो सकती: सीएम

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा है कि हिमालय हमारे जीवन के सरोकारों से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। हमारी संस्कृति भी हिमालय से प्रभावित है। मानव जीवन के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालय पवित्रता का भी प्रतीक है। यह हमारा भविष्य और विरासत दोनों ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की परिकल्पना बिना हिमालय के नहीं हो सकती है। हिमालय अपनी नदियों और जलवायु से पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोता है। गंगा एवं यमुना के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था से भी यह स्पष्ट दिखाई देता है। हमारा राज्य हिमालयी क्षेत्र का नवीनतम राज्य है। हिमालय उत्तराखण्ड के लिए एक वरदान है। उत्तराखण्ड में आस्था के प्रतीक चारधाम तो स्थित है ही साथ ही इसकी मनोरम वादियां और प्राकृतिक संसाधन, पर्यटन एवं आर्थिक विकास के लिए अपार संभावनाएं उपलब्ध कराते है। हमें अधिकांश खाद्यान्न व पानी की आपूर्ति हिमालय से ही प्राप्त होती है। उन्होंने हिमालय के संरक्षण के लिये जन सहभागिता की भी जरूरत बतायी।

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