गीता मित्तल बनी जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की पहली महिला जज

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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने शनिवार को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तौर पर शपथ ली। वे पहली महिला जज हैं, जिन्हें इस हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इस बाबत शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया था। बता दें कि, पांच मार्च 2018 को जस्टिस बदर दुरेज अहमद के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ था।

गीता मित्तल दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर जजों में से एक हैं। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन को दिल्ली हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के बाद दिल्‍ली की कार्यवाहक मुख्‍य न्‍यायधीश गीता मित्‍तल को जम्‍मू कश्‍मीर हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस गीता मित्तल दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर जजों में से एक हैं।

दिल्ली में जन्मी गीता मित्तल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इरविन हायर सेकेंडरी स्कूल से की है। गीता मित्तल ने 1978 में श्रीराम महिला कालेज में बीए किया, इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस ला सेंटर से 1981 में उन्होंने एलएलबी की। कई सालों तक हाईकोर्ट में वकालत करने के बाद साल 2004 में दिल्ली हाईकोर्ट की अतिरिक्त जज नियुक्त की गईं।

गीता मित्तल दिल्ली हाईकोर्ट में रहते हुए कई अहम फैसले दे चुकीं हैं। 20 फरवरी 2006 को वह स्थायी जज बनाई गईं। जज रहते उन्होंने कई खंडपीठ को हेड किया। वह मृत्युदंड, सहकारिता, आर्म्ड फोर्स, कंपनी अपील, रिट याचिका, एलपीए आदि विभिन्न मामलों की भी सुनवाई कर चुकी हैं। 2008 से वह नेशनल ला यूनिवर्सिटी दिल्ली की गवर्निंग काउंसिल की सदस्य हैं। वह 2013 में इंडियन ला संस्थान की सदस्य बनाई गईं। वे महिलाओं से यौन उत्पीड़न को लेकर बनाई जाने वाली कमेटी, न्यायिक अधिकारियों के वेलफेयर के लिए बनाई गई कमेटियों का हिस्सा रहीं हैं।

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