घराट हब पहल से युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर: मुख्यमंत्री

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को हैस्को गांव शुक्लापुर अम्बीवाला देहरादून में रिवर रिचार्जिंग रूरल टैक्नॉलोजी अप्रैजल का निरीक्षण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में हैस्को से जुड़े लोग उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान सीएम ने कहा कि घराट हब  हमारी पारम्परिकता के संरक्षण के साथ ही पर्यटकों के लिए नए आकर्षण केन्द्र होंगे। साथ ही घराट हब पहल से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण, कौशल विकास, ग्रामीण उद्यम, महिला सशक्तिकरण, स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन और पर्यावरण संरक्षण व वृक्षारोपण  हेतु हैस्को द्वारा किए जा रहे कार्यो की प्रंशसा करते हुए पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतू टीम भावना अति आवश्यक है। उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने में टीम स्प्रिट की अहम भूमिका है। स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमों से बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं, युवाओं को जोड़ने से ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रो की प्रगति होगी। सामाजिक कार्य करने वाले लोग और सरकार के मध्य समन्वय से राज्य को विकास के बेहतर परिणाम मिल सकते है। राज्य सरकार द्वारा ब्लॉक स्तर पर 650 ग्रोथ सेन्टर की कार्य-योजना पर कार्य आरम्भ हो चुका है। सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी प्रशिक्षण के साथ ही एलईडी बल्ब वितरण भी शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की देवभूमि प्रसाद पहल अति सफल रही है। अभी तक  महिला समूहों द्वारा  केदारनाथ धाम में 1 करोड़ 30 लाख रूपये का प्रसाद बेचा जा चुका है। देवभूमि प्रसाद योजना से महिला स्वालम्बन व सशक्तिकरण के साथ ही स्थानीय आर्थिकी के सुदृढिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। और अब हरिद्वार, अल्मोड़ा तथा राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर स्थानीय महिलाओं की मदद से इस योजना का विस्तार किया जा रहा है।  सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा स्थानीय पारम्परिक फसलों, जड़ी बूटियो व अन्य खाद्य उत्पादों पर आधारित उत्पादों के उत्पादन व मार्केटिंग पर विशेष फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना व कोसी नदियों के पुनर्जीवीकरण के तहत  जनभागीदारी से व्यापक वृक्षारोपण का अभियान शीघ्र शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही अल्मोड़ा में एक घण्टे में एक लाख पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

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