चार सालों से गाँव के रास्ते पर दबंग का कब्ज़ा, प्रशासन नहीं ले रह सुध

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बागेश्वर: जिले के कपकोट तहसील से 2 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम सभा पनोरा एक ऐसा गाँव है, जहाँ के ग्रामीण विगत 4 सालो से आम रास्ते के लिये संघर्ष कर रहे हैं। यहाँ उतरौडा-पनोरा गाँव में लगभग 40-45 परिवार रहते हैं।

ग्रामीण का आरोप है कि, गाँव में हरीश बिष्ट नाम के एक दंबग व्यक्ति ने गाँव का रास्ता रोक दिया है। साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि, रसूकदार दबंग हरीश के आगे प्रशाशन भी नतमस्तक है। वहीँ जब हैलो उत्तराखंड की टीम गाँव में पहुंची तो ग्रामीणों ने कहा कि, आज तक इस क्षेत्र के लोगों ने मीडिया को देखा तक नही। पहली बार मीडिया गाँव में पहुंची तो लोग अपना दुख-दर्द बयां करने लगे। साथ ही उन्होंने गुहार लगायी कि, किसी तरह  उनकी परेशानियों को दूर करें।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, गाँव के आम रास्ते को स्थनीय स्कूल पाइनवूड के मालिक द्वारा विगत 4 साल पहले बंद कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी व उप-जिलाधिकारी को कई बार पत्रो के माध्यम से अवगत कराया गया। साथ ही तत्कालिन विधायक ललित और वर्तमान विद्यायक बलवन्त भौर्याल को भी संयुक्त रूप से अवगत कराया गया है। लेकिन, ग्रामीणों को कोरे आश्वासनो के अलावा अभी तक कुछ नही मिल पाया है।

ग्रामीणों की माने तो, यह रास्ता पिण्डारी गिलेश्यर का पुराना रास्ता है। आम रास्ता बंद करके दंबग ने गाँव के साथ-साथ आम आदमी के अधिकारों को भी खत्म करने का प्रयास किया गया है। साथ ही उन्होने कहा कि, प्रशाशन स्तर से रास्ता खोलने के लिये कई बार आदेश आ चुके हैं, लेकिन दंबग के आगे ग्रामीण डर के साये मे जी रहे हैं।

वहीँ सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि, दबंग ग्रामीण ने अपने नीजी लाभ के लिये गाँव का रास्ता बंद कर दिया है और प्रशाशन और विधायक चुप्पी साधे हुए हैं।

मामले में एसडीएम कपकोट का कहना है कि, ग्रामीणों का आम रास्ता रोकने का अधिकार किसी को भी नही है। लेकिन, यह सदियों पुराना रास्ता हरीश विष्ट का अपना खेत है। हालाँकि पूर्व मे निर्देशित किया गया कि, जब तक ग्रामीणों को वैकल्पिक व्यवस्था नही की जाती, तब तक रास्ता न रोका जाय। साथ ही उन्होंने कहा कि, यदि ऐसा होता है तो, आरोपी के खिलाफ चालान कर क़ानूनी कारवाही अमल में ली जाएगी।

जहां गांव के ही व्यक्ति द्वारा रास्ते पर कब्जा किया हुआ है, वहीं प्रशासन की इस मामले में भी अनदेखी साफ दिख रही है। अब ऐसे में देखने होगा कि, क्या प्रशासन रसूखदार व्यक्ति से कब्जा छुडा पाती है या नही।

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