एक्सक्लूसिव बिग न्यूज: बद्रीनाथ में सोने की पत्तर चढ़ाएंगे गुप्ता बंधु, मंदिर समिति ने लगाई रोक

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देहरादून: दक्षिण अफ्रिका की सरकार को भ्रष्टाचार से हिलाने वाले गुप्ता बंधु एक बार फिर प्रकट होने जा रहे हैं। वह भी भगवान बद्री विशाल के दरबार में। ईडी, आयकर और दक्षिण अफ्रिका की जांच एजेंसियों के निशाने पर चल रहे गुप्ता बंधुओं ने बद्रीनाथ में चार किलो के सोने के छत्र को चढ़ाने की पेशकश की है। उसके लिए उन्होंने मंदिर समिति को बाकायदा पत्र भी भेजा है। बद्री-केदार मंदिर समिति ने भी प्रस्ताव पास कर सोने की पत्तर चढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन अचानक यह जानकारी सामने आने के बाद कि सोने की पत्तर दक्षिण अफ्रिका की सरकार को हिलाने वाले गुप्ता बंधुओं ने भेजा है, मंदिर समिति अध्यक्ष गणेश गोदियान ने जानकारी मिलते ही छत लगाने के काम को रुकवा दिया। उनका कहना है कि यह गंभीर विषय है। मामले की जानकारी ईडी और केंद्र सरकार को देने का फैसला किया है।

भगवान बद्री विशाल को जिस छत्र को चढ़ाने की तैयारी चल रही थी। फिलहाल पूरी तैयारी विवादों के साथ ही कानूनी पचड़े में फंसती नजर आ रही है। मंदिर समिति ने सोने का सोने की पत्तर चढ़ाने से पहले तांबे के छत्र को चढ़ाकर ट्रायल भी कर लिया था। मीडिया में बात आने और दानदाता का नाम पूछे जाने पर मंदिर समिति भी सकते में आ गई। मंदिर समिति को यह जानकारी तो थी कि छत गुप्ता बंधुओं ने भेजा है, लेकिन इस जानकारी से इंकार कर रही है कि यह वही गुप्ता बंधु हैं, जिनके कारण दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति जैकब जुम्मा को त्याग पत्र देना पड़ा था। गुप्ता बंधुओं को दक्षिण अफ्रिका के साथ ही भारतीय जांच एजेंसियां भी खोज रही हैं। इतना ही नहीं देशभर समेत उत्तराखंड में भी गुप्ता बंधुओं की कुछ संपत्तियां सील की जा चुकी हैं, जबकि कई संपत्तियों की अभी जांच चल रही है।

मंदिर समिति अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हैलो उत्तराखंड न्यूज को बताया कि उनको पहले इस बात की जानकारी नहीं थी कि छत्र उन्हीं गुप्ता बंधुओं ने भेजा है, जिनके चलते दक्षिण अफ्रिका की सरकार हिल गई। जिन पर ईडी और दूसरी एजेंसियों की जांच चल रही है। उनका कहना है कि मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को बीडी सिंह लेकर आए थे। तब इसको लगाने वालों की स्पष्ट जानकारी नहीं थीं पता चलने के बाद फिलहाल सोने की पत्तर चढ़ाने के निर्णय को वापस ले लिया है। इसके लिए ईडी और केंद्र सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। वहां से जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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