कांग्रेस नेतृत्व द्वारा जिलाध्यक्षों को बदलने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में घमासान

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अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड में कांग्रेस नेतृत्व द्वारा रातों रात जिलाध्यक्षों को बदलने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में घमासान मच गया। नए जिलाध्यक्षों को प्रीतम व इंदिरा गुट का बताए जाने के बाद अब अल्मोडा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने उनकी जुबान को बन्द करते हुए खुद को हरीश रावत गुट का साबित किया है। उन्होने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल के बयान पर हैरानी जताते हुए किसी भी तरह की गुटबाजी से इंकार किया है।
बता दे कि, पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व द्वारा पुराने जिलाध्यक्षों को हटा कर नए जिलाध्यक्षों की ताजपोशी की गयी थी। जिस पर पार्टी के ही बडे नेताओं की बयान बाजी ने कांग्रेस की अन्दरूनी गुटबाजी को जग जाहिर कर दिया था। कयास लगने लगे थे कि नए जिलाध्यक्ष प्रीतम और इन्दरा गुट के है जिस पर हरीश रावत गुट के नेता नाराज हो गए है। अब इस पर अल्मोडा कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने अपने आप को हरीश रावत गुट का बता कर इस कयासबाजी को सिरे से खारिज कर दिया है नए जिलाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पत्रकारों से अपने आवास में रूबरू हुए अल्मोड़ा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा कि मै हरीश रावत के साथ हूं जिलाध्यक्ष बनाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश हैं। हालांकि अभी इस गुुटबाजी को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुन्जवाल की 15 अगस्त को होने वाली प्रेस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

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