भाजपा के उपवास कार्यक्रम पर जम के बरसी कांग्रेस

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देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने पीएम मोदी एवं भाजपा नेताओं द्वारा देशभर में किये जा रहे उपवास कार्यक्रम को हास्यास्पद एवं भाजपा की नौटंकी करार दिया। उन्होंने कहा  कि चार साल तक देश की सत्ता में बैठकर जनता पर जुमले कसने के अलावा कुछ न कर पाने के उपरान्त, अब भाजपा का विपक्ष के खिलाफ उपवास करना केवल देश की जनता का उपहास उड़ाना है,  जिन्होंने उन्हें 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में बैठने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम विपक्ष पर मंहगाई न रोक पाने, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत सस्ती न करने, बेरोजगारों को रोजगार न दे पाने, गंगा सफाई न कर पाने, गौ रक्षा न करने, राम मन्दिर न बनवाने, कश्मीर समस्या का हल न करने, धारा 370 समाप्त न करने, पाकिस्तान से एक सिर के बदले 10 सिर न ला पाने, सीमा पर सैनिकों की शहादत न रोक पाने, जीएसटी व नोटबंदी से बर्बाद हुए व्यापारियों व किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, जनता के खाते में 15 लाख न डाल पाने जैसे मामलों का आरोप लगाते हुए एक बार पुनः देश की जनता पर उपवास का जुमला कसने जा रही है।

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि, भाजपा द्वारा विपक्ष पर संसद न चलने देने का आरोप लगाया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि, खुद भाजपा के सांसद संसद में कोहराम मचाकर संसद को नहीं चलने देते हैं।  तथा सरकार गिरने के डर से विपक्षी दलों द्वारा लाये जा रहे अविश्वाश प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने देते हैं। रक्षा सौदों तथा बैंकों में हुए अरबों रूपये के घोटालों को दबाने के लिए जनता का ध्यान भटकाने का काम करते हैं। भाजपा की सरकारों द्वारा किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी नहीं खरीदा जाता है। देश के किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाली भाजपा सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में किसानों की ऋण माफी के नाम पर किसानों का मजाक उड़ाया जाता है। कांग्रेस सरकार में अनुसूचित जाति व जनजातियों की सुरक्षा तथा उनके अधिकारों के लिए बने कानूनों के साथ छेड़-छाड़ कर इन वर्गों में असुरक्षा की भावना पैदा की जा रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के उपवास कार्यक्रम को नौटंकी करार देते हुए कहा कि, अब भाजपा को 2019 में अपनी हार निश्चित नजर आने लगी है। देश के आधे से अधिक राज्यों मे शासन करने वाली भाजपा तथा प्रधानमंत्री मोदी को इस बात का जवाब स्वयं भी नहीं पता कि वे उपवास किसके खिलाफ कर रहे हैं तथा उनके इस उपवास का मकसद क्या है।

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