भारत-पाकिस्तान को बातचीत के जरिये सुलझाने होंगे मतभेद: उमर अब्दुल्ला

Please Share

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों के बदलते आयाम के संबंध में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर पर बातचीत के सिलसिले में किसी प्रगति का रास्ता तैयार करने के लिहाज से भारत की वाजिब चिंताओं पर पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को आत्मावलोकन करना चाहिए।

वरिष्ठ कश्मीरी नेता ने कहा कि जब तक हम अपनी चुनाव प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को भारत की वाजिब चिंताओं को समझने के लिए थोड़ा आत्मावलोकन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को खुला घूमने की छूट देने का पाकिस्तान सरकार का फैसला दोनों देशों के बीच बेहद महत्वपूर्ण विश्वास बहाली के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने  कहा कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। पाकिस्तान के साथ हमारी जो भी चिंताएं हों, हमने स्वीकार किया है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में हमारे पास बातचीत ही एकमात्र विकल्प है। हमें बातचीत के जरिए अपने मतभेद सुलझाने होंगे। लेकिन उसके लिए किसी स्तर पर पाकिस्तान की चिताओं को भी समझना होगा। उमर ने भारत सरकार तथा जम्मू-कश्मीर में उनके प्रतिनिधि राज्यपाल सत्यपाल मलिक और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच संवाद की कमी की भी आलोचना की। उनका कहना है कि जितनी जल्दी संभव हो, इस खाई को पाटना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा 1990 के दशक की शुरूआत से कहीं ज्यादा अब अलग-थलग पड़ गए हैं। पढ़े-लिखे युवा और सुरक्षित नौकरियों वाले लोग आतंकवादी खेमे में शामिल हो रहे हैं। यह बेहद चिंता का विषय है।

You May Also Like