बद्रीनाथ में संचार व्यवस्था चरमराई, शासन-प्रशासन बेपरवाह

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देहरादून: चार धाम यात्रा की तमाम व्यवस्थाओं को लेकर सरकार के दावों की लगातार पोल खुल रही है। कभी सड़कों को लेकर तो कभी ब्लैक टिकटिंग को लेकर, कभी पैदल यात्रा मार्ग पर पेयजल की समस्या को लेकर तो कभी दुर्गम रास्तों को लेकर। इसी कड़ी में अब संचार व्यवस्था को लेकर भी बद्रीनाथ में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संचार ही एक माध्यम है, जो यात्रियों को मुसीबत के समय में काम आता है। साथ ही यह सभी यात्रियों के साथियों को भी आपस में जोड़े रखता है। जिससे उनके साथी बिछड़ न पाए। इसके अलावा आपातकाल में भी यह पुलिस की मदद लेने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। लेकिन बद्रीनाथ में यात्रियों की लगातार शिकायत है कि, वहां पर कभी नेटवर्क ही नहीं आता है, तो कभी कॉल ड्राप की समस्या से जूझना पड़ता है। कभी बातचीत में आवाज साफ नहीं सुनाई देती है, तो कभी कॉल ही नहीं लग पाती है। साथ ही इंटरनेट व्यवस्था धाम में ठप है।

वहीं जब इस पर बीएसएनएल के ऑफिस में शिकायत के लिए कॉल की जाती है तो कर्मचारी कॉल तक नहीं उठाते हैं, और यदि काफी बार कॉल करने के बाद भी जब कॉल उठाते हैं तो इसके लिए अधिकारियों का नंबर दिया जाता है, हैरानी की बात यह है कि, ऑफिस से जिस अधिकारी का नंबर दिया जाता है, उस नंबर पर कॉल करने पर इनकमिंग नहीं होना सुनाई देता है। ऐसे में आखिर शिकायत सुने भी तो कौन? और शिकायत ही नहीं सुनी गई तो इसका समाधान तो दूर की बात है।

इसके आलावा मामले में जिलाधिकारी चमोली का कहना है कि, कई बार धाम में भीड़ के चलते नेटवर्क की क्षमता से अधिक लोड के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है, लेकिन इस सम्बन्ध में अब कार्य किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि, फिलहाल बद्रीनाथ धाम में बीएसएनएल और एयरटेल कंपनी के नेटवर्क कार्य कर रहे हैं, इसके आलावा अन्य कंपनियों की भी योजना धाम में चल रही है।

ऐसे में सवाल उठता है कि, आखिर यात्रा अपने चरम पर है और प्रशासन अब व्यवस्था बनाने की बात कर रहा है, तो क्यों यात्रा से पहले ही ये सब तैयारियां नहीं की जाती हैं। क्यों सरकार द्वारा संचार व्यवस्था के लिए गैर-सरकारी कंपनियों को धाम में सेवाओं के लिए प्रयोग में नहीं लिया जाता।

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