क्या सरकारी विभाग खुद ही लोगों को पलायन करवाने में लगे हैं!

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रुद्रप्रयाग: एक ओर प्रदेश सरकार गांवों को स्मार्ट बनाने की मुहिम छेडे हुए है तो वहीं सरकारी विभाग गांवों को खाली कराने का बीडा उठाये हुए हैं। सडक के अभाव में बच्छण्स्यूं पट्टी की पौडीखाल न्याय पंचायत के करीब एक दर्जन गांव खाली हो चुके हैं। बडी बात यह है कि यहां सडकें तो स्वीकृत हैं मगर विभाग सडक बनाने को तैयार नहीं है।

जनपद पौडी की सरहद से सटी रुद्रप्रयाग जनपद की पौडीखाल न्याय पंचायत के निषणी, पौडीखाल, बंगोली तैली, बंगोली सीली, ढुमणी, डगणी, कपलखील, पणधारा, चाम्यों, कलेथ, मरगांव, व सुनाउं गांवों की स्थिति इस कदर है कि यहां अब सिर्फ बुजुर्ग ही रह गये हैं। सड़क के अभाव में अधिकांश लोग पलायन कर चुके हैं। यहां के लिए सड़कें मंजूर तो है, मगर विभागीय पेंचों के चलते आज तक भी सडक गांवों तक नहीं पहुंच पायी है। जिसके चलते ग्रामीणों को मीलों पैदल चलना पडता है।

रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश धिल्डियाल ने स्वयं पहली बार इन गांवों में जाकर जायजा लिया और स्वीकारा कि सड़क के अभाव में गांव खाली हुए हैं। उन्होने लोक निर्माण विभाग को भी जमकर फटकार लगाई और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही सड़क का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा।

वहीं रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने गांवों को आबाद करने की अपनी प्राथमिकता नहीं रखी मगर मौजूदा सरकार इस मसले पर गंभीर है और यही कारण है कि अलग से पलायन आयोग का गठन भी किया गया है।

सरकारी दावे कितने मजबूत होते हैं यह साफ दिखता है। खाली होते गांवों की स्थितियों को देखकर, मगर ताजुब यह है कि योजनाएं तो स्वीकृत हैं मगर कार्य करने के लिए विभाग तैयार नहीं हैं, ऐसे में किस तरह से गांवों को आबाद करने का सरकारी फैसला धरातल पर उतरेगा यह सवाल अभी भी अनसुलझा ही है।

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