शीतकालीन पर्यटन यात्रा की तैयारियों में जुटा प्रशासन, अब शीतकालीन पर्यटन का माॅडल बनेगा रुद्रप्रयाग

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रुद्रप्रयाग : वर्ष 2018 की रिकार्ड केदारनाथ यात्रा के बाद अब जिला प्रशासन शीतकालीन पर्यटन यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। साथ ही राफॅटिंग, क्याकिंग ट्रैकिंग, जंगल सफारीए और स्टे होम के साथ ही विभिन्न साहसिक व पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। जिसके लिए पंचकेदार गद्दी स्थल उखीमठ को बेस कैम्प बनाया जायेगा। जिले में जहां मिनी स्विटजरलैण्ड कहे जाने वाले चोपता, दुगलविट्टाए, पंवालीकाठाए मनणी कार्तिक स्वामी के मखमली बुग्याल हैं। वहीं कई ऐतिहासिक मठ मन्दिर भी यहां मौजूद हैं।

टै्किंग रुटों पर भी यहां शीतकाल में कई पर्यटक पहुंचते हैं तो वाटर स्र्पोटस के लिए भी अलकनन्दा नदी पर पपडासू झील व खांकरा में भी झील तैयार की गई है। दिसम्बर माह से चोपता में बर्फवारी शुरु हो जाती है जिसे देखने के लिए भी हर साल यहां सैकडों पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन इन सभी संभावनाओं को व्यवसाय से जोडने में लगा हुआ है। जिससे ग्रीष्मकाल में चार धाम यात्रा के बाद शीतकाल में भी पर्यटक व श्रद्वालु जनपद के विभिन्न हिस्सों में पहुंचे और स्थानीय लोगों को भी वर्षभर रोजगार मिलता रहे। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि पर्यटन विभाग के सहयोग से जिला प्रशासन इन प्राकृतिक सम्भावनाओं को संजोने का भी प्रयाश करेगा। जिले को शीतकालीन पर्यटन स्थल के रुप में मॉडल जिला बनाने की तैयारी भी करेगा।

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