…अब ये क्या बोल गये सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत!

Please Share

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कई बार जुबान फिसल जाती है। अक्सर अपनी जुबान के कारण वो परेशानी में फंस जाते हैं। पिछले कुछ दिनों से झांपू दा गाने के कारण निशाने पर आए सीएम की एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए जुबान फिसल गई। उन्होंने भाजपा यानि अपनी पार्टी के नेतृत्व को तो चमकीला बताया, लेकिन केंद्र सरकार जिस गठबंधन ‘‘एनडीए’’ के तहत बनी है। उसे बुझा-बुझा बताकर चलते बने। मीडिया कर्मी सवाल पूछते रहे, लेकिन सीएम जवाब दिए बगैर ही चल पड़े।
ऐसा नहीं है कि सीएम की पहली बार जुबान फिसलने के कारण किरकिरी हुई हो। इससे पहले उन्होंने आपदा पर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘प्रभु कृपा से आपदा में काफी नुकसान हुआ है।’’ मुख्यमंत्री बनने के बाद से त्रिवेंद्र सिंह रावत काफी बदले से नजर आते हैं। इसको लेकर उनके कई करीबी लोगों ने उन पर सवाल भी उठाए थे। शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा मामले में भी सीएम गुस्से में दिखे। उन्होंने महिला शिक्षिका को भला-बुरा कहा। जिसके बाद मामला पूरे देश में मुद्दा बन गया था।
हाल ही में पवन सेमवाल के गाने के बाद सीएम ने प्रतिक्रिया दी। इस बार भी वो सुलझे राजनीतिज्ञ और मुख्यमंत्री की तरह पेश आने के बजाय, बड़े ही रूखे ढंग से पेश आए। इतना ही नहीं, वे यह कहने से भी नहीं चूके कि जिसके पेट में शूल चूभ रहा होगा, पीड़ा उसीको होगी। उन्होंने आगे कहा था कि इसका मतलब है कि सरकार सही काम कर रही है। जो बात सीएम ने कही, गढ़वाल में उसे लोग जलनखोर लोगों के लिए प्रयोग करते हैं।

You May Also Like