12 साल बाद आंगन में गूंजी थी किलकारियां, बंदर ने छीनी खुशी

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जयपुर: बंदरों के आतंक से हर कोई परेशान है। देश के हर राज्य में बंदर लोगों पर हमला कर रहे हैं। कई मर्तबा बंदर घरों में तक घुस आते हैं। ताजा मामला राजस्थान के धौलपुर जिले के राजाखेड़ा का है। यहां बंदर के कारण एक दर्दनाक हादसा हुआ है। एक बंदर छत पर टहल रहे दादा की गोद से ढाई साल के पोते को छीन ले गया। दौड़ते समय बंदर के हाथ से बच्चा छूटकर सड़क पर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार बच्चे के दादा नारायणसिंह घर की छत पर पोते छोटू को गोद में लेकर टहल रहे थे। तभी एक बंदर ने झपट्टा मारकर बच्चे को उनसे छीन लिया और भाग गया। नारायण भी पीछे दौड़े। भागते समय बच्चा बंदर की पकड़ से छूट गया और छत से सड़क पर गिर गया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। नारायण सिंह के बेटे भूपेंद्र की शादी के करीब 12 वर्ष बाद यह पहली संतान पैदा हुई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि नारायण सिंह अपने घर की छत पर हमेशा की तरह अपने पोते का मन बहलाने के लिए उसे खिला रहे थे। इस बीच अचानक एक बंदर आया उसने नारायण सिंह को छपट्टा मारकर डराया और उनके हाथों से छोटू को छीन ले गया।

मासूम को बंदर की पकड़ से छुड़ाने के लिए जब नारायण सिंह ने उसका पीछा किया, तो वह चारदीवारी के ऊपर बैठ गया इसी भागा-दौड़ी के बीच बंदर से वो बच्चा सड़क पर गिर गया। गिरने से बच्चा घायल हो गया, परिजन उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए सामुदायिक केंद्र के डॉक्टर ने बड़े अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। परिजन जब बच्चे को आगरा ले जा रहे थे, तब बच्चे ने रास्ते में दम तोड़ दिया।

दुखद बात यह है कि 12 वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद नारायण और उनके बेटे भूपेंद्र का घर छोटू ने रौशन किया था। छोटू में ही सबकी जान बसती थी। अब पूरा परिवार शोक में डूबा है। लोगों ने बताया कि नारायण सिंह के बेटे भूपेंद्र की शादी 12 वर्ष पूर्व हुई थी, लेकिन उनके घर बच्चे कि किलकारियां नहीं गूंजी थीं। इसके बाद परिजनों ने सभी देवी-देवताओं के आगे मन्नतें मांगी थी। शादी के लम्बे अरसे के बाद उनके घर खुशियां आई थी, जो केवल ढाई महीने ही रह पाईं।

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